निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात जा सकती है, इसका वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।

बिहारी नगरीय जीवन से परिचित कवि हैं। उन्होंने ‘हाव-भाव’ के कुशल वर्णन को नायक-नायिका के माध्यम से इस प्रकार वर्णित किया है- “नायक नायिका से आँखों के संकेतों से प्रणय निवेदन करता है।“ इस दोहे में कवि ने उस स्थिति को दर्शाया है जब भरी भीड़ में भी दो प्रेमी बातें करते हैं और उसका किसी को पता तक नहीं चलता है। ऐसी स्थिति में नायक और नायिका आँखों ही आँखों में रूठते हैं, मनाते हैं, मिलते हैं, खिल जाते हैं और कभी कभी शरमाते भी हैं। इस प्रकार आँखों में प्रेम-स्वीकृति का भाव आता है। स्वीकृति पाकर नायक प्रसन्न हो उठाता है जिस पर नायिका लजा जाती है। इस प्रकार आँखों के संकेतों की भाषा से दोनों आपस में मन की बातें कर लेते हैं और किसी को पता भी नहीं चलता।


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